Thursday, November 21, 2024
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सेलुलर और वीडियो टेलीफोन

सेलुलर फोन और वीडियो टेलीफोन संचार की अति आधुनिक प्रौद्योगिकियों में आते हैं। सेलुलर टेलीफोन द्वारा आप अपनी चलती हुई कार, बस, ट्रेन आदि से किसी भी व्यक्ति को फोन कर सकते हैं और उसका फोन प्राप्त कर सकते हैं। आप दूसरे व्यक्ति की सूचना प्राप्त कर सकते हैं और उसे अपना संदेश सकते हैं।

सेलुलर और वीडियो टेलीफोन

 

सेलुलर फोन का एक अलग नंबर होता है जिससे देश या विदेश का कोई भी नंबर डायल किया जा सकता है। सैल फोन प्रणाली में एक नेटवर्क होता है जिसमें पूरे देश को कवर किया जा सकता है।
इस प्रणाली में कोई भी क्षेत्र विभिन्न सैलों में विभाजित कर दिया जाता है। प्रत्येक सैल का संपर्क केन्द्रीय एक्सचेंज और एक कम्प्यूटर से होता है। प्रत्येक सैल का एक प्रेषक होता है जो केंद्रीय एक्सचेंज से नियंत्रित होता है। प्रत्येक सैल की दूरी लगभग 5 कि. मी. होती है और इसकी आवर्तियों का एक रेंज होता है। इससे कम शक्ति के संदेश अपनी आवर्ति पर निकलते । एक सैल के केंद्रीय एक्सचेंज तक सूचना जाती है और केंद्रीय एक्सचेंज से वह सूचना दूसरे सैल तक पहुँचती है।
अधिकांश सेलुलर फोन 900 मेगा हर्ट्ज की आवृत्ति पर संदेश भेजते हैं। चैनल का स्पेस अमेरिका में 30 किलो हर्ट्ज और दूसरे देशों में 25 किलो हर्ट्ज होता है।
सैल रेडियो फोन एक ऐसा रास्ता चुनते हैं जो फोन से निकलकर रेडियो ट्रांसमीटर तक जाते हैं। कोई भी संदेश प्रचलित टेलीफोन लाइनों से एक्सचेंज तक जाता है। एनालॉग सिग्नल, डिजिटल सिग्नल में बदल जाता है। टेलीफोन दबाने पर संदेश दोबारा से एनालॉग में बदल जाता है जो दूसरे मोबाइल द्वारा प्राप्त कर लिया जाता है |
कुछ सेलुलर फोनों में मोबाइल सुविधा होती है। कुछ में मोबाइल  सुविधा नहीं होती। हर सेलुलर फोन में एक निश्चित समय के लिए कार्ड डलवाना पड़ता है।
हमारे देश में नोकिया, मोटोरोला और रिलायंस कम्पनी के फोन मुख्य रूप से प्रयोग किए जा रहे हैं। सेलुलर फोन सामान्यतः पुलिस, डॉक्टरों और व्यापारियों द्वारा ऊँचे पैमाने पर प्रयोग किए जा रहे हैं। सेलुलर फोन तकनीकी सामान्यतः भारत, अमेरिका, स्वीडन, ब्रिटेन, जापान आदि अनेक देशों में ऊँचे पैमाने पर प्रयोग की जा रही है।
यह आशा की जाती है कि सेलुलर रेडियो फोन पूर्णरूपेण डिजिटल हो जाएंगे और इनमें डाटा संचार की सुविधाएँ भी आ जाएँगी। वैसे तो आज भी एक मामूली सा रिक्शाचालक और सब्जी वाला सेलुलर फोन प्रयोग करता है पर वह दिन दूर नहीं जब ये सुविधाएँ और भी सामान्य हो जाएँगी।

वीडियो या फोटोफोन | video or photophoneideo or photophone

वीडियोफोन दूरसंचार प्रौद्योगिकी का अति आधुनिक विकास है। इसे फोटोफोन भी कहते हैं। इस फोन में आवाज के साथ-साथ बात करने वाले का फोटो भी प्रदर्शित होता है।
इसी तरह से दूसरी ओर से बात करने वाले की आवाज सुनाई देती है और फोटो भी दिखाई देता है।
वीडियोफोन में एक टी. वी. कैमरा लगा होता है जिसमें टी. वी. स्क्रीन होता है और प्रचलित फोन भी होता है। इस फोन में आवाज और चित्र दोनों का प्रसारण होता है। यह प्रसारण विद्युत चुम्बकीय तरंगों के रूप में होता है। ये तरंगें दोनों ओर के वीडियोफोनों द्वारा प्राप्त कर ली जाती हैं।
अभी तक वीडियोफोन का उपयोग सीमित है। सन् 1970 में वीडियो फोन सुविधा बेल सिस्टम द्वारा शुरू की गई थी। रूस में भी सन् 1961 में इसी प्रकार की सेवा शुरू की गई थी। यह सेवा जर्मनी के कुछ शहरों में भी उपलब्ध है। सेलुलर फोन भी ऐसे आ गए हैं जिनमें आवाज के साथ बात करने वाले का चित्र भी दिखाई देता है। आज बहुत से देश वीडियो फोन तकनीकी के विकास में लगे हुए हैं। यदि आप चित्र न देखना चाहें तो टी. बी. यूनिट को ऑफ रख सकते हैं।
सेलुलर और वीडियोफोन के अतिरिक्त आज हमारे पास कार्डलेस फोन, टेलीफोन आन्सरिन्ग मशीन, ऑटोमेटिक डायलर आदि भी काफी संख्या में प्रयोग हो रहे हैं। इन फोनों का विवरण नीचे दिया गया है।

कार्डलेस फोन | Cardless phone

यह एक ऐसा फोन है जिसमें टेलीफोन के चोंगे को मुख्य यंत्र से अलग उठाकर ले जाया जा सकता है क्योंकि यह भाग किसी तार से जुड़ा हुआ नहीं होता। इसलिए इसे कार्डलेस फोन कहते हैं। इस फोन के रिसीवर को उठाकर दूसरे किसी कमरे में, लॉन में तथा रसोईघर में ले जाकर बात की जा सकती है।
कार्डलैस फोन के दो भाग होते हैं एक मुख्य उपकरण और दूसरा चोगा या हेन्डसेट (Handset) । इन दोनों का सम्बन्ध किसी तार द्वारा नहीं होता बल्कि विद्युत चुम्बकीय तरंगों द्वारा होता है। मुख्य भाग में ट्रान्समीटर और रिसीवर होते हैं और हैन्डसेट में माइक्रोफोन अर्थात् माउथपीस और ईयरपीस होते हैं।
हेन्डसेट में ध्वनि प्राप्त करने और प्रसारण लिए एक एरियल होता है। जब कोई कॉल आती है तो एरियल उसे प्राप्त करके कान तक पहुँचाता है तथा कॉल करते समय वही एरियल आवाज को विद्युत चुम्बकीय तरंगों के रूप में मुख्य यंत्र तक ले जाता है। इस फोन के हेन्ड सेट को हम एक निश्चित दूरी तक मुख्य यंत्र से दूर ले जाकर बात कर सकते हैं।

टेलीफोन आन्सरिन्ग मशीन | Telephone answering machine

कुछ अति आधुनिक फोनों में उत्तर देने की सुविधाएँ उपलब्ध करा दी गई हैं। इस फोन में यदि कोई व्यक्ति फोन करता है और घर में फोन को प्राप्त करने वाला व्यक्ति नहीं है तो मशीन फोन पर आने वाले सन्देश को रिकार्ड कर लेगी। इन फोनों में पहले से रिकार्ड किए गए सन्देश होते हैं और एक टेप होती है जिससे कॉल करने वाले को उत्तर मिलते रहते हैं। ये फोन काफी लाभदायक सिद्ध हो रहे हैं।

अन्य फोन | Other phones

आज हमारे पास ऐसे फोन हैं जो कम्प्यूटर नेटवर्क द्वारा चालित होते हैं। इनमें सन्देश तीव्रता के साथ प्रोसेस होते हैं। बहुत से फोन बोलने वाली घड़ियों से जुड़े होते हैं जो समय के विषय में बोलते रहते हैं। आप जैसे ही नम्बर मिलाएँगे आपको अपने रिसीवर में समय सुनाई देगा। फायर ब्रिगेड, पुलिस और इमरजेन्सी के टेलीफोन के टेलीफोन नम्बर ऐसे होते हैं जो आसानी से याद हो जाते हैं जैसे दिल्ली में पुलिस का नम्बर 100 है और अग्नि शमन सेवाओं का 101 है।
घरों और कार्यालयों में हमारे पास PBX, PABX और EPABX सुविधाएँ हैं जो बहुत-से कमरों से जुड़े होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेन्ज आज के समय में पुराने विद्युत यान्त्रिक एक्सचेन्जों की जगह सारी दुनिया में लगाए जा रहे हैं। आने वाले वर्षों में टेलीफोन प्रौद्योगिकी में नए आयाम देखने को मिलेंगे।
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